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निकाय चुनाव में प्रचार करने पहुंचे मंत्री शिव डहरिया का वार्ड वासियों ने किया विरोध… कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में शिवपुर-चरचा से बिना प्रचार किये उल्टे-पांव लौटे मंत्री…

निकाय चुनाव में प्रचार करने पहुंचे मंत्री शिव डहरिया का वार्ड वासियों ने किया विरोध…

कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में शिवपुर-चरचा से बिना प्रचार किये उल्टे-पांव लौटे मंत्री…

कमलेश शर्मा-द-डॉन-न्यूज़

बैकुंठपुर/ नगर पालिका शिवपुर-चरचा के निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों का प्रचार करने हेतु पहुंचे छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय निकाय मंत्री शिव डेहरिया को वार्ड क्रमांक 01 में वार्ड वासियों के विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में शिवपुर-चरचा पहुंचे मंत्री जी को बिना प्रचार किये उल्टे-पांव वापस लौटना पड़ा। दरअसल शिव कुमार डहरिया गुरुवार को कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करने के लिये एक दिवसीय कोरिया प्रवास पर पहुंचे थे। जहाँ वे कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में चुनाव प्रचार करने के बाद शिवपुर-चरचा आये हुए थे। जहां कई स्थानों पर उन्हें वार्डवासियों से मिलकर कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों के लिये जन समर्थन जुटाना था।

वार्ड क्रमांक 01 में मंत्री जी ने अपने उद्बोधन के पश्चात वहां उपस्थित लोगों से स्थानीय समस्याओं के बारे में पूछा तो वार्ड वासियों ने बिजली, पानी, सड़क, वृद्धावस्था पेंशन व राशन कार्ड जैसी मूलभूत समस्याओं की कमी को जमकर उठाया। जिसकी वजह से मंत्री जी नाराज होकर लोगों की बात सुने बिना वहां से निकल गये। और नगरपालिका शिवपुर चरचा के वार्ड क्रमांक 03 स्थित सतनाम समाज के सतनाम धाम पहुंचे। वहां मात्र 5 मिनट भेंट मुलाकात के पश्चात नगरपालिका शिवपुर चरचा के अन्य वार्डो में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए बिना वापस बैकुंठपुर के लिए निकल गए। तत्पश्चात निकाय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 02, 09 व 13 में लगे कांग्रेसी कार्यक्रम के टेंट तत्काल हटा लिये गये। बैकुंठपुर के वार्ड क्रमांक 12 में जनता ने अघोषित बहिष्कार किया, कार्यक्रम में कोई नही पहुंचा। जिससे कांग्रेस का पंडाल सूना नजर आया।

डोर-टू-डोर चल रहा चुनाव प्रचार…

विदित हो कि इन दिनों कोरिया ज़िले की बैकुंठपुर व शिवपुर-चरचा नगरपालिका में निकाय चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। जिसकी वज़ह से प्रचार प्रसार व चुनावी सरगर्मियां जोरों पर है। पार्टी प्रत्याशियों व निर्दलीयों का डोर टू डोर चुनाव प्रचार चालू है। पार्षद पद के प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने में जुट गए हैं। जहां ज़िला विभाजन, सड़क चौड़ीकरण सहित अन्य स्थानीय मुद्दे छाये हुये हैं।

सत्ता व संगठन में खींचतान, टिकट वितरण से नाराज़गी…

कोरिया जिले में निकाय चुनाव के पहले से ही कांग्रेस में गुटबाज़ी हावी है। सत्ता व संगठन में भी दूरी देखी जा रही है। तवज्जो ना मिलने से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने किनारा कर रखा है। निकाय के टिकट भी ब्लॉक अध्यक्षों को दरकिनार कर वन मैन आर्मी की तर्ज़ पर अपने चहेतों को बांट दिये गये हैं। जिससे नाराज़ कुछ कांग्रेसी बागी होकर चुनाव मैदान में कूद गये हैं। जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।

शिवपुर-चरचा में गुटबाजी, एक दूसरे को निपटाने में जुटे…

बैकुंठपुर के अलावा शिवपुर चरचा कांग्रेस में भी जबरदस्त गुटबाजी चल रही है। पूर्व व वर्तमान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष के सिपहसालार दो गुटों में बंटे हुए। इस गुटबाजी का मुख्य कारण संगठन की निष्क्रियता है। यूं तो विगत 3 वर्षों से चरचा कांग्रेस में दोनों गुटों में जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। इसकी जानकारी जिला अध्यक्ष सहित कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी है। लेकिन किसी ने भी आकर समझाइश देने या समाधान करने की पहल नहीं की। निकाय चुनाव में टिकट बांटने में जिला अध्यक्ष के द्वारा एक गुट विशेष के समर्थन में मनमानी की गई। जिसकी वजह से कांग्रेसियों का आक्रोश और जमकर नजर आया। कांग्रेस जिला अध्यक्ष के द्वारा वर्ष 2015 के चुनाव के दौरान अपने बनाए गए नियम को ही वर्ष 2021 में दरकिनार कर दिया गया। निकाय के अधिकांश वार्डो में कांग्रेसियों के विरूद्ध कांग्रेसी ही चुनाव मैदान में है। नगर पालिका शिवपुर चर्चा के इतिहास में मात्र एक बार ही कांग्रेस सत्ता में आई और वर्तमान में बिखरी हुई नज़र आ रही है।

ज़िला विभाजन व प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर पूर्व में हुये तबादले से लोगों में गुस्सा…

नगर पालिका शिवपुर चरचा व बैकुंठपुर के चुनाव प्रभारी हेतु पूर्व में मंत्री टीएस सिंह देव का नाम सामने आया था। जिन्होंने प्रभारी बनने से इनकार कर दिया। संभवतः कोरिया जिले का विभाजन व आपसी गुटबाजी इसका मुख्य कारण रही होगी। जिसके बाद जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया को कोरिया का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया। इसी तारतम्य में वे चुनाव प्रचार करने कोरिया जिला पहुंचे थे। प्रभारी मंत्री रहते जिले में कोई उल्लेखनीय कार्य ना होने व दो वर्ष पूर्व प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर हुए कांग्रेसियों के परिजन व शासकीय सेवकों के तबादले व वर्तमान में अन्याय पूर्ण जिला विभाजन को लेकर भी लोगों में कांग्रेस के प्रति जमकर गुस्सा है। जिसको भाजपाई भुनाने में जुटे हुये हैं।

चुनावी बहिष्कार की हवा निकाली शासन-प्रशासन ने…

कोरिया जिले के अन्यायपूर्ण विभाजन को लेकर कोरिया बचाव मंच ने निकाय चुनाव के बहिष्कार की मुहिम प्रारम्भ की थी। जिसकी शासन-प्रशासन ने हवा निकाल दी। हाईकमान का डंडा पड़ते ही पार्टी पदाधिकारी भी अपना पद व साख़ बचाने की कोशिश कर रहे हैं।बहिष्कार के नाम पर मंच में दहाड़ने वाले सर्वदलीय राजनीतिज्ञ कागजी शेर अब घर घर जाकर मतदाताओं के सामने भीगी बिल्ली बने वोट के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। जैसे जैसे मतदान की तिथि नज़दीक आते जाएगी चुनावी घमासान और तेज़ हो जायेगा। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव करवाना शासन प्रशासन के लिये किसी चुनौती से कम नही होगा।

ज़िला विभाजन से उपजे जनाक्रोश को भुनाने में जुटी भाजपा…

जिला विभाजन व एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर को देखते हुए इससे उपजे जनाक्रोश को भुनाने में भाजपा लग गई है। बहिष्कार की घोषणा के बाद चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने का ठीकरा भी भाजपाई कांग्रेसियों पर फोड़ रहे हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुये भविष्य में क्या कांग्रेस वापस सत्ता में आएगी यह कहना मुश्किल है? क्योंकि चुनाव के लिए मात्र 10 दिन ही बचे हैं ऐसी स्थिति में जनाक्रोश व गुटबाजी को कैसे दूर किया जाएगा जो पूरी तरह असंभव प्रतीत होता है। पूरे घटनाक्रम को देखें तो कुल मिलाकर इसका फायदा भाजपा को मिलने की संभावना है। साथ ही कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी ऐसे में बाज़ी मार सकते हैं।

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