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कोदो, कुटकी व रागी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने MOU पर कलेक्टर ने किया हस्ताक्षर… मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक में हैदराबाद की रिसर्च संस्था से हुआ MOU…

कोदो, कुटकी व रागी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने MOU पर कलेक्टर ने किया हस्ताक्षर…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक में हैदराबाद की रिसर्च संस्था से हुआ MOU…

कमलेश शर्मा-द-डॉन-न्यूज

बैकुंठपुर/ कोदो, कुटकी व रागी जैसे फसलों की उत्पादकता बढ़ाने कोरिया जिला सहित छत्तीसगढ़ राज्य के 14 जिलों के बीच Indian Institute of Millet Research ( IIMR) Hyderabad के MOU पर हस्ताक्षर किये गए हैं। आज 10 सितम्बर को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक में कलेक्टर कोरिया श्याम धावड़े ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ कुणाल दुदावत व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस MOU से जिले के किसान लाभान्वित होंगे। इस MOU के अंतर्गत कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए IIMR द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विकसित की गई वैज्ञानिक तकनीक का मैदानी स्तर पर KVK के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही उच्च क्वालिटी की बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु IIMR द्वारा seed bank की स्थापना की जाएगी। जिससे आसानी से किसानों को उन्नत व उपचारित बीज उपलब्ध हो सकेगा।

उल्लेखनीय है कि पोषक तत्वों से भरपूर कोदो, कुटकी व रागी की उत्पादकता बढ़ाने कोरिया जिला सहित राज्य के 14 जिलों के बीच इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद का एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक के माध्यम से स्वान कक्ष में कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस एमओयू के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को देश का मिलेट हब बनाने की दिशा में कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्य किये जायेंगे। मिलेट मिशन के तहत जिला प्रशासन और कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वय से कार्य किया जायेगा। जिले में कृषि विभाग द्वारा किसानों के माध्यम से कोदो, कुटकी और रागी के उत्पादन की खरीदी कर केवीके द्वारा प्रोसेसिंग कर ट्राईफेड आदि प्लेटफार्म पर विक्रय किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में 3 हजार 491 हेक्टेयर पर कोदो, कुटकी और रागी की फसल ली गई है। किसानों को जोड़कर इस उत्पादन को बढ़ाया जाएगा एवं प्रोसेसिंग के लिए भी आवश्यक तकनीकें उपलब्ध कराई जायेंगी जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
मिलेट के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन स किसानों, महिला समूहों और युवाओं को रोजगार का नया ज़रिया मिलेगा। मिलेट उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने उपज की सही कीमत और आदान सहायता देने के साथ समर्थन मूल्य पर खरीदी, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की पहल की है। आईसीएआर-आईआईएमआर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विकसित की गई वैज्ञानिक तकनीक का मैदानी स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही उच्च क्वालिटी की बीज की उपलब्धता सुनिशित करने हेतु आईआईएमआर द्वारा सीड बैंक की स्थापना की जाएगी।
मिलेट मिशन के अंतर्गत प्रथम चरण में कोरिया जिला सहित बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के साथ एमओयू किया गया है। मिलेट मिशन में आगामी पांच वर्षों में 170 करोड़ 30 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे।

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