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बंगले को सजाने एडीजे ने उजाड़ डाला निरीह पक्षियों का आशियाना… सिविल एरिया के बंगले में विशालकाय हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई…

बंगले को सजाने एडीजे ने उजाड़ डाला निरीह पक्षियों का आशियाना…

सिविल एरिया के बंगले में विशालकाय हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई…

बैकुंठपुर (कोरिया)/ पर्यावरण संरक्षण, पशु पक्षी एवं पेड़ों को बचाने को लेकर शासन प्रशासन स्तर से लेकर जनसहभागिता से जोर शोर से प्रयास किए जा रहे है। पौधरोपण अभियान भी तेज गति से चलाया जा रहा है। जिससे की आने वाली पीढ़ी को ग्लोबल वार्मिंग का सामना ना करना पड़े। वहीं ओहदे की हनक में जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में बिना अनुमति के सिविल एरिया में पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस के सामने हरे भरे विशालकाय पेड़ों की कटाई महज बंगले के सौंदर्यीकरण को लेकर की जा रही है। पेड़ों के काटे जाने से इनमें घोंसला बना कर रहने पक्षी से प्रभावित हुए हैं। दूसरों का आशियाना उजाड़कर, अपना आशियाना बनाना शायद इसे ही कहते हैं।

कहते हैं ना कि ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों में निष्पक्षता और संवेदनशीलता निहायत जरूरी है, सही कहते हैं। ताजातरीन पूरा मामला कोरिया जिले का है। जहां नवपदस्थ एडीजे साहब को नया-नया बंगला अलॉट हुआ। और जब बंगला अलॉट हुआ तो एडीजे साहब देखने चले गए अपना नया बंगला जो निहायत ही खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से परिपूर्ण और पक्षियों के कलरव से युक्त कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के सिविल लाइंस में स्थित है। कहा जाता है न कि , खूबसूरती देखने वाले की नजरों में होती है। बस क्या पता था उस बंगले में रहने वाले पक्षियों को कि उनका आशियाना, और उनका कलरव किसी की नजरों में नैसर्गिक सुंदरता न होकर बदसूरती लगेगा। बस फिर क्या था नए एडीजे साहब ने आव देखा न ताव सुना दिया फरमान उन पेड़ों को काट डालने का और रौंद डालने का उन मासूम पक्षियों का आशियाना। बस देखते-देखते बर्बाद हो गया कोरिया के सिविल लाइंस के उस बंगले में स्थित पक्षियों का वो पूरा आशियाना। जहां दुनिया और प्रशासन, वृक्षारोपण, जल संरक्षण, पशु पक्षियों और वन्यप्राणी संरक्षण की वकालत और पुरजोर कोशिशें कर रही हैं वहां आज भी ऐसे लोग हैं जो तुच्छ हितों के लिए प्रकृति के इस वरदान को भी रौंदने पे तुले हैं। अब वो पक्षी अपने रौंदे गए आशियाने, अपने मृत अंडे – बच्चों और रात का ठौर तलाशते कलरव की जगह चीत्कार कर रहे हैं। और साहब बंगले में हो रहा मेंटेनेंस कार्य को देखने आए हैं। राजस्व एरिया में बगैर अनुमति के पेड़ काटे से पर्यावरण प्रेमियों में रोष व्याप्त है। देखना होगा कि पक्षी प्रेमी जिले की संवेदनशील कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी इस मामले में क्या कदम उठाती हैं??

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