जिला पंचायत सदस्य उपचुनाव के प्रचार प्रसार का दौर थमा, मतदान दल रवाना, कल होगा मतदान…
सत्ता व संगठन में बिखराव से कांग्रेस हासिये पर, भाजपा वाकओवर की स्थिति में…
कमलेश शर्मा-संपादक
बैकुंठपुर। जिला पंचायत कोरिया क्षेत्र क्रमांक 06 बैकुंठपुर प्रथम के उपचुनाव में प्रचार प्रसार का दौर शनिवार की देर शाम थम गया। रविवार को मतदान दल रामानुज स्टेडियम से रवाना हो गया। कल 09 जनवरी सोमवार को सुबह 07 बजे से दोपहर 03 बजे तक मतदान के बाद नतीजों की घोषणा होगी। आज रविवार को दिन भर डोर टू डोर प्रचार अभियान चला। वैसे इस चुनाव की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। भाजपा समर्थित प्रत्याशी वंदना विजय राजवाड़े की जीत के बजाय अब केवल उनके जीत की मार्जिन पर बात हो रही है। क्योंकि सत्ता व संगठन में बिखराव से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हासिये पर और भाजपा वाकओवर की स्थिति में नज़र आ रही है। इस चुनाव में अपनी पुत्रवधू वंदना विजय राजवाड़े के लिए पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने संगठन प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल व संगठन के साथ पूरा दमखम लगा दिया है। वहीं कांग्रेस संगठन व पदाधिकारी चुनावी नतीज़ों को भांप कर केवल औपचारिकता निभाते नजर आ रहे हैं। सीमित संसाधनों के सहारे चुनाव लड़ रहे कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी संजय टोप्पो ने सत्ता विरोधी लहर में कहीं वोट ना कट जाए इस वजह से पोस्टर, पम्पलेट में क्षेत्रीय विधायक की फ़ोटो तक लगाने से परहेज कर रखा है। इस उपचुनाव में बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र के लगभग 40% मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर कल 9 जनवरी को अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। वही बैकुंठपुर विधानसभा के आगामी चुनाव की रूपरेखा का भी खाका तैयार होना निश्चित है। क्योंकि विधानसभा चुनाव के पूर्व इसे सत्ता का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। इस उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस सहित गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी मजबूत दावेदारी करती नजर आ रही हैं। कांग्रेस के बिखराव के चलते इस चुनाव में लोग भाजपा को जीता हुआ मान रहे है। इस चुनाव में भाजपा जहां संगठित होकर चुनाव लड़ रही है वही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी किसी मायने में कम तर नजर नहीं आ रही है। ऐसे में कांग्रेस संगठन की उपेक्षा और सत्ता विरोधी लहर के कारण कांग्रेस तथा कांग्रेसी खुद यह नहीं समझ पा रहे हैं की असली कांग्रेसी कौन है? जबकि कोरिया जिले का कांग्रेसी संगठन ऐसा मजबूत संगठन है कि जहां पूरा संगठन अगर किसी के साथ खड़े हो जाए तो कांग्रेस के लिए कोई भी चुनाव जितना मायने नहीं रखता है। लेकिन इस चुनाव में न तो कांग्रेस संगठन समझ पा रहा है की असली कांग्रेसी कौन है। क्षेत्र में कांग्रेसियों की उपेक्षा निश्चित तौर पर कांग्रेस को कमजोर कर रही है। जिसका फायदा अन्य पार्टियां उठा रही हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह चुनाव कोई मायने नहीं रख रहा है। जाहिर सी बात है की किसी संगठन की उपेक्षा उस संगठन को बेहद ही कमजोर कर देती है। ऐसा ही कुछ कोरिया जिले में कांग्रेस के साथ हो रहा है। मामला चाहे जो भी हो लेकिन जिला पंचायत कोरिया क्षेत्र क्रमांक 06 का यह चुनाव लोगों का नाक का सवाल बन कर रह गया है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में सत्ता संगठन का विरोधाभास दूर करने में कांग्रेस कामयाब होती है। या अन्य पार्टियां मजबूत होकर जीत का परचम लहरा पाती हैं। यह तो कल 9 जनवरी के बाद आईने की तरह साफ हो जाएगा। मामला यहीं खत्म नहीं होगा क्योंकि यह वर्ष चुनावी वर्ष के रूप में लगभग हर उन नेताओं के सामने खड़ा रहेगा। जो तनिक भी अपने मन में विधानसभा चुनाव लड़ने का विचार कर रहा होगा। इस चुनाव से आने वाले विधानसभा चुनाव का परिदृश्य सामने आ जाएगा। जो निश्चित तौर पर पार्टियों व संगठन और सत्ता को आइना दिखा सकेगा। भाजपा समर्थित प्रत्याशी वंदना विजय राजवाड़े महिलाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंम्पर्क में जुटी रहीं। वही अपनी पुत्रवधु वंदना राजवाड़े के लिए पूर्व केबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े, सहित भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल, जिला उपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे व देवेंद्र तिवारी, रेवा यादव, सुभाष साहू व उनके समर्थक टीम बनाकर क्षेत्र में प्रचार प्रसार में डटे रहे हैं। कोरिया जिले में विधानसभा चुनाव के पूर्व होने वाले इस अंतिम उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। त्रिकोणीय मुकाबले के रूप में चुनाव काफी रोचक होने की संभावना है। इसमें कांग्रेस से संजय टोप्पो, भाजपा से वन्दना राजवाड़े व गोंगपा से सुखनंदन मिंज मैदान में हैं। साथ ही अन्य स्वतंत्र प्रत्याशी भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस सत्ताधारी दल होने की वजह से अपने आप को फायदे में मान रही है। हालांकि विधानसभा के उपचुनाव में सत्ताधारी दल को फायदा जरूर मिलता है। लेकिन जिला पंचायत के उस उपचुनाव में देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है। वहीं भाजपा से श्रीमती वंदना राजवाड़े अपने पति स्व. विजय राजवाड़े के निधन के पश्चात इस उपचुनाव में प्रत्याशी हैं। जिन्हें रजवार समाज के अलावा सहानुभूति वोटों पर ज्यादा भरोसा नजर आ रहा है। वहीं पर जिले में कांग्रेस पार्टी में आपसी गुटबाजी तथा मनमुटाव को लेकर कांग्रेस स्वयं हाशिए पर खड़ी है। जहां जिले के वरिष्ठ कांग्रेसियों ने इस चुनाव में प्रभारी बनने से इंकार कर दिया। वही जिले के कुछ कांग्रेसियों के द्वारा अंदर खाने से भाजपा को सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसी जनचर्चा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी साधन संसाधन नहीं होने से बेहद ही कमजोर नजर आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो इस जिला पंचायत उपचुनाव में कांग्रेस से कहीं ज्यादा मजबूत गोंडवाना गणतंत्र पार्टी नजर आ रही है। इस चुनाव में अगर सही मायने में देखा जाए तो सत्ता और संगठन के आपसी खींचतान के कारण कांग्रेस की स्थिति बेहद ही कमजोर नजर आ रही है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में कांग्रेस क्या सत्ता के सेमीफाइनल मैं जीत दर्ज कराती है। या फिर भाजपा को वाक ओवर मिलता है।
Kamlesh Sharma is a well-known Journalist, Editor @http://thedonnews.com/ Cont.No.- 8871123800, Email – Ks68709@gmail.com