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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाला छात्रावास, विधायक कमरो ने जताई नाराज़गी.. लापरवाही बर्दाश्त नही, होगी जांच, दोषियों को बख्शा नही जायेगा: विधायक गुलाब कमरो…

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाला छात्रावास,  विधायक कमरो ने जताई नाराज़गी..

लापरवाही बर्दाश्त नही, होगी जांच, दोषियों को बख्शा नही जायेगा: विधायक गुलाब कमरो…

कमलेश शर्मा-संपादक

बैकुंठपुर-जनकपुर/ राज्य शासन द्वारा विकास व निर्माण कार्यों के लिए करोड़ों की राशि जारी जा रही है, लेकिन मॉनिटरिंग के अभाव में निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहे हैं। जिससे उनका लाभ लोगों को समुचित तरीक़े से नही मिल पा रहा है। वहीं ठेकेदार व अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला नवगठित एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र विकासखंड भरतपुर में सामने आया है। यहां  ग्राम पंचायत कोटाडोल में प्री.मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसकी लागत 1 करोड़ 52 लाख 97 हजार है। जिसकी निर्माण एजेंसी कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग है। उक्त निर्माण कार्य का भूमि पूजन क्षेत्रीय विधायक व  उपाध्यक्ष सरगुजा विकास प्राधिकरण गुलाब कमरो के द्वारा किया गया था। जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। छात्रावास भवन निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।घटिया निर्माण की जानकारी मिलने पर विधायक गुलाब कमरो ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि दोषियों को बख़्शा नही जायेगा।उल्लेखनीय है कि वनांचल क्षेत्रों में शासकीय राशि का बंदरबांट करना कोई नई बात नही है। लेकिन जहा छात्रों का भविष्य निर्भर है उस स्थान का उचित पैमाने पर बनाना आवश्यक हो जाता है। निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्रियों में लचर और घटिया चीजों का इस्तेमाल आने वाले भविष्य में उनके जान माल के लिए खतरा साबित हो सकता है। निर्माण सामग्रियों में हेरा फेरी और घटिया सामग्रियों का प्रयोग हो रहा है। अगर बात करें हम इस भवन निर्माण की तो कालम ( पिलर) में चार सरिया 12 एमएम की लगाई गई हैं और दो सरिया 10 एमएम की लगा दी गई है। थोड़ी सी बचत के लिए ठेकेदार द्वारा 12 एमएम की सरिया की जगह 10 एमएम की सरिया लगा दिया गया है। वहीं बात करें डोर बीम की तो 8 एमएम की सरिया से डोर बीम को ढाला जा रहा है।  इन बातों की पुष्टि उक्त स्थल निरीक्षण करने पर हुई। किसी भी कॉलम की सही तरीके से ढलाई नहीं की गई और वह तिरछा कर दिया गया है। फ्लाई एस ईटों का उपयोग किया गया है, मगर ईटों की क्वालिटी घटिया किस्म की है। यह बड़ा गंभीर विषय है और सवाल यह उठता है कि प्रशासन के नाक के नीचे यह करोड़ों का छात्रावास निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है इसका जिम्मेदार कौन है ? इस निर्माण कार्य में जितना कसूरवार ठेकेदार है। उतना ही निर्माण एजेसी की मिलीभगत दिख रही है। कसूरवार इस निर्माणाधीन भवन का मूल्यांकन करने वाले इंजीनियर भी है जिनकी जवाबदारी होती है कि समय-समय पर वह निर्माण स्थल पर जाकर निर्माण कार्य की निगरानी करें। यह भवन घटिया सामग्रियों से और उचित मापदंड के नही तैयार होता है तो भविष्य में गंभीर दुर्घटना हो सकती है। ऐसे घटिया निर्माण कार्यों पर प्रशासन को तत्काल अंकुश लगाना चाहिए और सही समय पर संबंधित अधिकारियों को भवन निर्माण कार्य का मूल्यांकन हेतु भेज कार्य की गुणवत्ता भी जांची जानी चाहिए। जिससे आने वाले किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। इस संबंध में क्षेत्र के विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि अगर गलत तरीके से निर्माण कार्य हो रहा है तो जांच कराई जाएगी। एसडीओ इंजीनियर को कार्यस्थल पर भेजा जाएगा। दोषियों को नही बक्शा जाएगा।

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