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महाराणा प्रताप बनाम महंत, आकाओं को खुश करने कांग्रेसियों का सियासी ड्रामा… चौक महाराणा प्रताप के नाम मूर्ति स्व. बिसाहूदास महंत की, मामला एमसीबी जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ का…

महाराणा प्रताप बनाम महंत, आकाओं को खुश करने कांग्रेसियों का सियासी ड्रामा…

चौक महाराणा प्रताप के नाम मूर्ति स्व.बिसाहूदास महंत की, मामला एमसीबी जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ का…

कमलेश शर्मा-संपादक

बैकुंठपुर। नवीन एमसीबी जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में इन दिनों सड़कों व चौक-चौराहे के नामकरण एवं नेताओं व महापुरुषों की  प्रतिमा स्थापित किये जाने को लेकर सियासी ड्रामा चरम पर है। कांग्रेसी अपने आकाओं को खुश करने के लिए महापुरुषों को दरकिनार करने में लगे हुए हैं। जिसे देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस के नेताओं द्वारा अपने बड़े नेताओं को खुश करने के लिए महापुरुषों का अपमान किया जा रहा है और मुगल शासकों से लोहा लेने वाले वीर महापुरषों के नाम पर बने चौक का नाम अपने नेता के पिता के नाम पर किया जा रहा है। दरअसल बताया जा रहा कि गत दिनों नगरपालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ द्वारा  जिस चौक का नाम  महाराणा प्रताप चौक प्रस्तावित था। उसे अब  स्व. बिसाहूदास महंत चौक किये जाने का प्रस्ताव लाया गया है। इसके अलावा अग्रसेन चौक, महात्मा गांधी चौक में भी प्रतिमाएं स्थापित किये जाने का प्रस्ताव लाया गया है। अग्रसेन चौक पर अग्रेसन की प्रतिमा, भगत सिंह चौक पर भगत सिंह की प्रतिमा, गांधी चौक पर गांधी जी की प्रतिमा लेकिन महाराणा प्रताप चौक पर बिसाहूदास महंत की प्रतिमा लगाए जाने के प्रस्ताव पर विरोध के स्वर उठाने लगे हैं। बताया जा रहा है कि जिस चौक को लोग वर्षों से महाराणा प्रताप चौक के नाम से जाना करते थे। उसे बिसाहूदास महंत चौक के नाम से नया नामकरण किया जा सकता है। और अब इसकी सूचना मिलते ही विरोध भी दर्ज होने लगा है। महाराणा प्रताप चौक का नाम किन वजहों से बदला जा रहा है उनमें से जो मुख्य वजह सामने आ रही है वह यह कि स्व बिसाहूदास महंत विधानसभा अध्यक्ष के पिता हैं। और क्षेत्रीय सांसद के ससुर की प्रतिमा लगा केवल उन्ही को प्रसन्न करने की कवायद में चौक का नाम परिवर्तित किया जा रहा है। और ऐसा करके उनके सबसे खास समर्थंको में अपना नाम जोड़ने की यह कवायद भी मानी जा रही है। वैसे भले ही प्रसन्न कर किसी को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने का यह एक राजनीतिक प्रयास हो  लेकिन सवाल यह भी उठता है कि मुग़लों से लोहा लेने वाले  महाराणा प्रताप को महान माना जाए या अविभाजित मध्यप्रदेश की राजनीति के समाजसेवी स्व. बिसाहूदास महंत को? दोनों का सार्वजनिक जीवन था और दोनों ही समाज के लिए कुछ न कुछ किये थे। लेकिन महाराणा प्रताप मुगल आतताइयों से लड़कर देश की रक्षा में अपना जीवन बलिदान किये थे। वहीं बिसाहूदास महंत राजनीतिक रूप से समाज की सेवा में लगे थे। पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष सरजू यादव मनेंद्रगढ़ नगरपालिका ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा अपने बड़े नेताओं को खुश करने के लिए महापुरुषों का अपमान किया जा रहा है। और मुगल शासकों से लड़कर देश पर मुगल शासन का विरोध करने वाले वीर महापुरषों के नाम पर बने चौक का नाम अपने नेता के पिता के नाम पर किया जा रहा है। जिसका हम विरोध करेंगे और स्वयं महाराणा प्रताप चौक जाकर विरोध दर्ज करेंगे।  यह कैसे सही कहा जा सकता  है कि चौक का नाम कुछ और होगा और वहां  मूर्ति किसी और की होगी। अभी तक हमने जो भी देखा है कि जिसके नाम का चौक है उसी के नाम की मूर्ति होती है। इस बार एक अलग ही मामला सामने आ रहा है, जिसमें चौक तो रहेगा महाराणा प्रताप के नाम पर मूर्ति होगी बिसाहू दास महंत की इसे लेकर मनन करने चर्चा का बाजार गर्म है। और बड़ी तेजी से इस समय हर चौक चौराहों पान ठेला पर यही चर्चा हो रही है कि आखिर यह कैसे होगा? ऐसा होना भी नहीं चाहिए, आखिर विधायक ने नया ही क्या प्रस्ताव दे दिया कि चौक का नाम कुछ और मूर्ति कुछ और होगी। विधायक की घोषणा ही चौक को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा करने वाली है। अब पैसा विधायक मद का है चाहे वह मूर्ति किसी की भी लगा दे क्या ऐसा संभव है? नगरपालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल ने  बताया है कि विधायक मनेंद्रगढ़ का प्रस्ताव था और उन्होंने ही अपनी निधि से 5 लाख देने की घोषणा की है। और उसी का परिपालन किया जा रहा है जिसमे चौक का नाम वही होगा जो है लेकिन मूर्ति अलग स्थापित होगी यह प्रस्ताव लाया गया है।  वैसे इस मामले में जो लोग इसका विरोध कर रहें हैं उनका कहना है कि चौक में महाराणा प्रताप की मूर्ति नहीं है केवल चौक का नाम महाराणा प्रताप चौक है। नगरपालिका इसी प्रयास में है कि मूर्ति स्थापित कर नाम भी परिवर्तित कर दिया जाएगा और ऐसे में विरोध भी दर्ज नहीं हो सकेगा। अब हकीकत जो हो मामले में अपने बड़े नेता को खुश करने पूरा प्रयास जारी है। और देखना है कि राष्ट्रीय स्तर पर मान्य महापुरुष महाराणा प्रताप नगरपालिका के लिए महापुरुष हैं या उनके ही नेता के पिता? इस मामले में अभी तक क्षेत्रीय विधायक व महंत परिवार के किसी शख्स का बयान अभी तक सामने नही आया है।

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