एसईसीएल की चरचा आरओ में खदान की छत धसकने से गंभीर हादसा, दर्जनों घायल…
माइनिंग सरदार व ओव्हर मैन सेहत तीन की हालत गंभीर, अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर रेफ़र…
रेफ़रल सेंटर बना रीज़नल हॉस्पिटल, मेडिकल स्टॉफ व आवश्यक दवाओं की कमी…
कमलेश शर्मा-द-डॉन-न्यूज़
बैकुंठपुर/ एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्रान्तर्गत चरचा आरओ खदान में बीती रात्रि 01 बजे हुई दुर्घटना में लगभग दो दर्जन कोलकर्मी घायल हो गये। जिन्हें प्रबंधन द्वारा तत्काल इलाज हेतु रीज़नल हॉस्पिटल चरचा कॉलरी में भर्ती कराया गया। जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि देर रात आये भूकंप के कारण चरचा ईस्ट खदान में रूफ फ़ाल की घटना हुई। तीनों गंभीर रूप से घायलों को बेहतर उपचार हेतु अपोलो बिलासपुर रेफ़र किया गया है। जिसमें एक सीनियर ओव्हर मैन, माइनिंग सरदार व एक केटेगरी 4 कालरीकर्मी है। घटना की जानकारी मिलने पर प्रबंधन के अधिकारी व बड़ी संख्या में कालरीकर्मियों के परिजन में हॉस्पिटल पहुंच गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार चरचा आरओ के ईस्ट खदान के 101 पैनल में बीती रात्रि लगभग 01 बजे कोल उत्खनन कार्य के दौरान भूकम्प आने से रूफ फ़ाल की घटना हो गयी। जिसमें कोयला खदान की छत का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर गया। इस वजह से खदान के अंदर एयर ब्लास्ट जैसी स्थिति बन गयी और वहां काम कर रहे कोलकर्मी प्रेशर से हवा में उड़ गये। तथा वहाँ काम करने वाले लगभग दो दर्जन कोलकर्मी घायल हो गए। एयरब्लास्ट के कारण कोलकर्मियों के चेहरे व पूरे शरीर में कोल डस्ट की मोटी परत जम गई व खरोंच के साथ दाने उभर आये। खदान दुर्घटना की जानकारी मिलते ही प्रबंधन ने आनन फानन में सभी घायलों को एम्बुलेंस की सहायता से रीजनल हॉस्पिटल भिजवाया।
हॉस्पिटल में तैनात डॉ एसपी वर्मा, डॉ चन्द्रेश पटेल, डॉ विविन के साथ मेडिकल स्टाफ आराधना सैमुअल, रुमिला बरवा, जागेश्वर गुप्ता व अन्य स्टॉफ ने घायलों का प्राथमिक उपचार किया। सीएमओ डॉ के. सरकार आवश्यक कार्य से बाहर होने के बावजूद मोबाइल के माध्यम से पूरी स्थिति पर नज़र बनाये रखी व आवश्यक मार्गदर्शन दिया। इस दौरान घायलों में सिर में चोट लगने से तीन लोगों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें तत्काल अपोलो अस्पताल बिलासपुर रेफ़र किया गया। जिसमें माइनिंग सरदार इंद्रजीत पाल, सीनियर ओव्हरमैन संजीव कुमार सिंह व केटेगरी 04 कालरीकर्मी नोहरदास शामिल है। अन्य घायलों में प्रभात सिंह, बाबूलाल मेहरा, राजेश कुमार बैगा व श्यामसुंदर मेहरा शामिल है। सामान्य रूप से घायल रमेश, दिनेश, सीमांकन, विक्रम, विकास, दीपक, उमाशंकर, सम्राट घोष, बाबूलाल सेट्ठी व नंदन कुमार को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया। अभी तक खदान दुर्घटना के स्पष्ट कारणों का पता नही चल पाया है। इसकी वजह भूकंप है या प्रबंधन की लापरवाही? वहीं एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी भी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे। फ़िलहाल सामान्य रूप से घायलों का उपचार जारी है। इलाज के बाद स्थिति सही होने पर कुछ लोगों को डिस्चार्ज किया जा रहा है।
रेफ़रल सेंटर बना रीजनल हॉस्पिटल चरचा…
एसईसीएल चरचा आरओ का रीजनल हॉस्पिटल इन दिनों रेफ़रल सेंटर बन गया है। हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों व अन्य मेडिकल स्टॉफ की कमी है। यहां आवश्यक दवाओं का भी अभाव बना रहता है। इस बाबत चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा कई बार एसईसीएल के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। मैनेजमेंट के अधिकारियों व वेलफेयर बोर्ड के आने पर बिल्डिंग को चकाचक करा कर दिखा दिया जाता है। जबकि अंदरूनी हालत बदतर हैं। यहां एग्रीमेंट के तहत एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है। संविदा में एम्बुलेंस चला रहे वाहन चालकों को महीनों वेतन नही मिलता है। नियमित रखरखाव ना होने धीरे-धीरे एम्बुलेंस की हालत भी कंडम होते जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए बेहतर इलाज़ के निर्देश…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के चरचा कालरी क्षेत्र में कल रात भूकंप की घटना में घायल तीन कोल कर्मचारियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। गत रात्रि माइनिंग क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे तीन कर्मचारी भूकम्प के कम्पन महसूस होने पर रूफ फ़ाल व एयरब्लास्ट के कारण घायल हो गए। जिनका उपचार बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में कराया जा रहा है, अभी उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
एक महीने में दो बार आ चुका है भूकंप…
बीती रात लगभग 01 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 23 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम क्षेत्र सोनहत में था। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई है। भूकंप के झटके सोनहत एवं रामगढ़ के इलाकों में महसूस किए गए। वहीं जिला मुख्यालय बैकुंठपुर सहित आसपास के लोगों को भी भूकंप का हल्का झटका महसूस हुआ। हालांकि भूकंप का अंतराल इतना कम था कि लोगों को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। भूकंप से कहीं भी कोई नुकसान की खबर नहीं है। विदित हो कि गत 11 जुलाई को सुबह 8 बज कर 10 मिनट पर भी इसी इलाके में 4.3 रिक्टर तीव्रता वाला भूकम्पीय झटका महसूस किया गया था। आज उत्पन्न भूकम्पीय तरंग का एपीसेन्टर भूसतह से लगभग 16 किमी जमीन के भीतर था।
Kamlesh Sharma is a well-known Journalist, Editor @http://thedonnews.com/ Cont.No.- 8871123800, Email – Ks68709@gmail.com