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डेढ़ करोड़ फूंकने के बाद भी अधूरा है झुमका बांध में ‘केज स्थापना’ का काम… एक माह में कार्य पूर्ण का लगा बोर्ड, जिला प्रशासन का रवैया उदासीन… दस वर्षों के लिए लीज पर लेने वाले आदिवासी मछुआ समूह को हो रहा है नुकसान…

डेढ़ करोड़ फूंकने के बाद भी अधूरा है झुमका बांध में ‘केज स्थापना’ का काम…

एक माह में कार्य पूर्ण का लगा बोर्ड, जिला प्रशासन का रवैया उदासीन…

दस वर्षों के लिए लीज पर लेने वाले आदिवासी मछुआ समूह को हो रहा है नुकसान…

कमलेश शर्मा-द-डॉन-न्यूज

बैकुंठपुर। कोरिया जिले का मत्स्य विभाग इन दिनों केज कल्चर आबंटन और सुपुर्दगी को लेकर विवादों में है। डेढ़ करोड़ फूंकने के बाद भी झुमका बांध में ‘केज स्थापना’ का काम आधा-अधूरा है। जबकि निर्माण एजेंसी द्वारा एक माह में कार्य पूर्ण का बोर्ड लगा दिया गया है। अपूर्ण कार्य से दस वर्षों के लिए लीज पर लेने वाले आदिवासी मछुआ समूह को नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्योंकि मत्स्य विभाग ने स्थानीय झुमका बांध में केज को बगैर पूर्ण किये ही लीज में 10 वर्ष के लिए समूह को आबंटित कर दिया। अब समूह के अध्यक्ष केज पूर्ण करने मत्स्य विभाग और कलेक्टर को चिट्ठी लिख कर अधूरे केज को पुरा करने गुहार लगा रहे है। इस पूरे मामले में जिला प्रशासन का रवैया उदासीन बना हुआ है।

यह मामला कोरिया जिले के झुमका सिचांई जलाशय में मछली पालन के लिए स्थापित नवीन केज का है। जिला खनिज न्यास संस्थान एवं मछली विभाग के द्वारा करीब  1 करोड़ 44 लाख की लागत राशि से झुमका जलाशय में  48 यूनिट केज का स्थापना कराया गया है। केज लगने के बाद मत्स्य विभाग ने झुमका डूब क्षेत्र युवा आदिवासी मछुवा समूह को 10 वर्षो के लिए पट्टे में आवंटित भी कर दिया  है। वही अब समूह का आरोप है कि केज का कार्य अभी पूरा नही हुआ  है। वही समूह से राशि भी जमा करा ली गई है। जिससे अधूरे केज में मछ्ली पालन करने से समूह को नुकसान उठाना पड़ सकता है। उधर मत्स्य विभाग केज कल्चर कार्य पूर्ण होने दावा भी कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार कोरिया जिला मुख्यालय स्थित झुमका सिंचाई जलाशय में जिला खनिज न्यास संस्थान मद (कन्वर्जन) का 60 प्रतिशत एवं मछली विभाग का 40 प्रतिशत मिलाकर कुल 1 करोड़ 44 लाख की लागत राशि से वर्ष 2020-21 में केज कल्चर पद्वति से मछ्ली पालन के लिए 48 यूनिट केज (पिंजरा) की स्थापना मछली विभाग के देखरेख में कराया गया है। मत्स्य विभाग ने केज स्थापना उपरांत शासन द्वारा निर्धारित नियमों एव शर्तो के अनुसार झुमका डूब क्षेत्र युवा मछुवा समूह आमगांव को मत्स्य पालन व मत्स्याखेट हेतु जनवरी 2022 में दस वर्षीय पट्टे पर आबंटित कर दिया।

अधूरा है केज का कार्य फिर भी मत्स्य विभाग ने दे दिया दस वर्षों के लीज पर…

मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के उदासीनता के कारण लगभग डेढ़ करोड़ की राशि खर्च करने  के बाद भी झुमका जलाशय में नवीन केज कल्चर का कार्य आज तक पूर्ण नही हो सका है। जबकि केज कल्चर के समीप विभाग द्वारा लगाए गए बोर्ड में कार्य प्रारंभ होने की तिथि सितंबर 2021 व पूर्ण होने का बकायदा दिनाँक अक्टूबर 2021 लिखा  है। कार्य पूर्ण होने और समूह को आबंटित  कर देने के बाद भी आज तक केज में विभाग ने मछली बीज क्यों नही डलवाये ? आखिर समूह वाले क्यों यह कह रहे कि केज का कार्य पूरा नही हुआ है ? केज में RAFT(बेड़ा) रस्सा सहित जाल के अंदर की रॉड व अन्य सामग्री लगना अब भी बाकी है। जब केज का कार्य पूर्ण ही नही हुआ तो राशि कहां गईं, और आज तक ‘केज’ समूह को सुपूर्द क्यों नही किया गया यह जांच का विषय है।

अभी तक मात्र 20 प्रतिशत राशि ही मिली है:- सहायक संचालक मत्स्य…

इस सम्बंध में मत्स्य विभाग के प्रभारी सहायक संचालक एम एस सोनवानी ने बताया कि 1 करोड़ 44 लाख की लागत से झुमका जलाशय में 48 युनिट केज स्थापना जिला खनिज न्यास संस्थान मद (कन्वर्जन) और मछली पालन विभाग के द्वारा कराया गया है। अभी तक 20 प्रतिशत राशि जिला खनिज न्यास संस्थान से प्राप्त हुई है। डीएमएफ और विभागीय बजट को मिलाकर केज स्थापना का कार्य करा दिया गया है। डीएमएफ की शेष राशि मिलने पर मछली बीज समूह को दिया जाएगा।

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