कंप्यूटराइज्ड रेडियोग्राफी मशीन क्रेक, शुभारंभ नही कर पाए डीपी एसएम चौधरी…
कलरफुल कॉरपेट व दीवारों में सजे गुलदस्तों के बीच गुजरे डीपी की नज़र नही पड़ी जर्जर भवन पर…
कमलेश शर्मा-द डॉन-न्यूज़
बैकुंठपुर/ एसईसीएल हसदेव एरिया के केन्द्रीय चिकित्सालय आमाखेरवा मनेंद्रगढ़ में गत दिनों प्रभारी व नवनियुक्त डायरेक्टर पर्सनल एसएम चौधरी का दौरा हुआ। विभागीय जानकारी के अनुसार इस दौरे का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय चिकित्सालय में निरिक्षण के साथ एक्सरे रूम में नई कंप्यूटराइज्ड रेडियोग्राफी मशीन का उद्घाटन करना था, जो कि डीपी के हाथों नही हो सका। जिसका कारण बताया जाता है कि यह मशीन स्टोर से चिकित्सालय तक परिवहन में ही ब्रेक (क्रेक) हो गई। यदि उद्घाटन हो जाता तो मशीन को निर्माता कंपनी क्या वापस ले लेती ? यहां के अलावा एसईसीएल के और भी चिकित्सालयों में इस मशीन की सप्लाई होने का पता चला है। खरीदी गई कंप्यूटराइज्ड रेडियोग्राफी मशीन में दर से अधिक भुगतान की खबर है जो कि जांच का विषय है।
एसईसीएल के हसदेव क्षेत्र आगमन पर डायरेक्टर फाइनेंस नव नियुक्त प्रभारी डायरेक्टर पर्सनल एस. एम. चौधरी का एसईसीएल व अस्पताल प्रबंधन द्वारा हसदेव एरिया के आमाखेरवा केन्द्रीय चिकित्सालय के अंदर कलरफूल कार्पेट बिछाकर और दीवार में चिपका कर सजाए गए गुलदस्तों से स्वागत किया गया। जानकारी के अनुसार डीपी श्री चौधरी को चिकित्सालय के एक्सरे रूम लाई गई नई कंप्यूटराइज्ड रेडियो ग्राफी मशीन का उद्घाटन करना था। लेकिन अधिकारियों को पता चला कि मशीन स्टोर रूम से यहां तक परिवहन में ब्रेक (क्रेक) हो गई है। ब्रेक हो चुकी मशीन का उद्घाटन करवाना ठीक नही है। सवाल भी पैदा होता है कि उद्घाटन हो चुकी मशीन को निर्माता कंपनी कैसे वापस ले लेती ? इसलिए उद्घाटन कार्यक्रम को रद्द कर चिकित्सालय का निरिक्षण कर कंपनी के स्टाफ और डाक्टरों के साथ संबोधन कक्ष में संबोधन को महत्व देकर कार्यक्रम को समाप्त कर दिया गया। डीपी श्री चौधरी के जाते ही दूसरे ही दिन चिकित्सालय के अंदर कलरफूल कार्पेट और दीवारों पर चिपकाए गए गुलदस्ते गायब हो गए।
इस दौरे का विशेष पहलू यह रहा कि एसईसीएल डीपी श्री चौधरी को चिकित्सालय के अंदर स्वागत में कलरफूल कार्पेट, टाइल्स और दिवारों में चिपकाकर फूलों के गुलदस्ते तो जरूर दिखाए गए लेकिन चिकित्सालय के बाहर चीर घर जाने वाले रास्ते की तरफ चिकित्सालय की दीवारों की फटी दरारें नही दिखाई गईं और ना ही जर्जर दीवारों पर उनकी नज़र पड़ी। जबकि बीते कुछ समय पहले ही एसईसीएल में सौंदर्यीकरण और रिपेयरिंग के नाम पर डिसेंट स्कीम के तहत करोड़ों का सिविल कार्य कराया गया है। जिसका कुछ बजट केंद्रीय चिकित्सालय में भी खर्च होने का पता चला है। हाल में रिटायर्ड पूर्व पदस्थ डीपी करोडो रूपए से संचालित हो चुकी इसी डिसेंट स्कीम में एसईसीएल कल्याण मंडल के अध्यक्ष रह चुके थे। जिनको रिटायर्ड होने के आखिरी दिन चार्जशीट मिलने की जनचर्चा जोरों पर थी? हर वर्ष इस चिकित्सालय के सिविल कार्यों की लागत में लगातार वृद्धि हो जाती है। फिर भी पीछे हॉस्पिटल बिल्डिंग की दीवार फटी है ऐसा क्यों ? केन्द्रीय चिकित्सालय में हुए सिविल कार्यों के लिए एक विशेष जांच करा दी जाए कि मेजरमेंट एडजेस्मेंट के नाम पर पिछले कई वर्षों से दो लाख के अंदर के कितने सप्लीमेंट्री पेपर कागजों में दौडते रहे। इसका जांच में खुलासा हो सकता है। चिकित्सालय के बाहर सौंदर्यीकरण के नाम पर लगा कमजोर शेड हवा में उड़ चुका है। इस चिकित्सालय में सिविल कार्यों में हर वर्ष बढ़ती लागत वृद्धि को लेकर डीपी स्वयं निगरानी रख कर गौर कर सकते हैं।
हवा में उड़ चुके शेड की जानकारी लेने पर केंद्रीय चिकित्सालय की सीएमओ ने एसईसीएल के डीपी से की गई अपनी मांग के संबंध में बताया कि हास्पिटल के लिए हम लोग चाह रहे थे कि कम्प्लीट रिनोवेशन (नवीनीकरण) हो जाता। हमारे यहां फर्नीचर और बहुत सी मशीनरी पुरानी हो चुकी है। डीपी श्री चौधरी ने पाजिटीव रिस्पांस दिया है और प्रपोजल बनाकर भेजने के लिए कहा है। क्रेक हो चुकी मशीन के शुभारंभ के संबंध पूछा गया तो उन्होनें कहा कि हम उसको इंस्टाल नही कर पाए। उसके सर्विस इंजिनियर आएंगे वही इंस्टाल करेंगे। तभी इंस्टाल होगा। परिवहन के दौरान थोडा सा मशीन क्रेक हो गई है। अब वहां से परिवहन में क्रेक हुई है या स्टोर से हुई है यह क्लीयर नही है। उनके इंजीनियर ही बता पाएंगे। हमने कम्पनी के इंजीनियर को सूचना दे दी है।
Kamlesh Sharma is a well-known Journalist, Editor @http://thedonnews.com/ Cont.No.- 8871123800, Email – Ks68709@gmail.com