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प्रदेश सरकार की नाकामी से लगभग एक लाख किसान धान बेचने से वंचित:- श्यामबिहारी जायसवाल… धान ख़रीदी की मियाद बढ़ाने की मांग ख़ारिज करना प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता व सत्तावादी अहंकार…

भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा- तुग़लकशाही के चलते प्रदेश के किसानों को अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने के लिए विवश करना प्रदेश सरकार का किसान-विरोधी चरित्र है। आँकड़ों की बाजीगरी दिखाकर अपनी झूठी वाहवाही में मशगूल प्रदेश सरकार और कांग्रेस से किसान अपने ख़ून के आँसुओं की एक-एक बूंद का हिसाब समय आने पर चुकता ज़रूर करेंगे...

प्रदेश सरकार की नाकामी से लगभग एक लाख किसान धान बेचने से वंचित:- श्यामबिहारी जायसवाल…

धान ख़रीदी की मियाद बढ़ाने की मांग ख़ारिज करना प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता व सत्तावादी अहंकार…

भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा- तुग़लकशाही के चलते प्रदेश के किसानों को अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने के लिए विवश करना प्रदेश सरकार का किसान-विरोधी चरित्र है। आँकड़ों की बाजीगरी दिखाकर अपनी झूठी वाहवाही में मशगूल प्रदेश सरकार और कांग्रेस से किसान अपने ख़ून के आँसुओं की एक-एक बूंद का हिसाब समय आने पर चुकता ज़रूर करेंगे…

कमलेश शर्मा-द-डॉन-न्यूज़

रायपुर/ भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियों और नेतृत्वहीनता के चलते लगभग एक लाख किसानों के धान बेचने से वंचित रहने पर क्षोभ व्यक्त किया है। श्री जायसवाल ने कहा कि किसानों का दाना-दाना धान ख़रीदने की डींगें हाँकने वाली प्रदेश सरकार ने अपनी तुग़लकशाही के चलते प्रदेश के किसानों को अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने के लिए विवश करके अपने किसान-विरोधी चरित्र का परिचय ही दिया है। श्री जायसवाल ने कहा कि किसानों को राहत देने धान ख़रीदी की मियाद बढ़ाने की मांग ख़ारिज करके प्रदेश सरकार अपने संवेदनहीन और शर्मनाक सत्तावादी अहंकार का प्रदर्शन कर रही है।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि धान ख़रीदी को लेकर प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी शुरू से ही किसानों के साथ छल-कपट और अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार के मत्थे फोड़कर प्रदेश को ग़ुमराह करने की विफल कोशिश करती रही। रकबा कटौती और गिरदावरी के सनक भरे पैसलों ने प्रदेश के किसानों की न केवल मुश्क़िलें बढ़ाईं, अपितु मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, कृषि मंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के गृह ज़िले और इलाक़ों में किसानों को आत्महत्या के लिए बाध्य होना पड़ा। श्री जायसवाल ने कटाक्ष करके कहा कि आँकड़ों की बाजीगरी दिखाकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस भले ही अपनी झूठी वाहवाही में मशगूल हो जाए, लेकिन प्रदेश के किसानों को ख़ून के आँसू रुलाने वाली प्रदेश सरकार और कांग्रेस से किसान अपने आँसुओं की एक-एक बूंद का हिसाब समय आने पर चुकता ज़रूर करेंगे।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने धान ख़रीदी एक माह विलंब से शुरू की और धान ख़रीदी की पूरी तैयारी को लेकर उदासीनता दिखाई। धान ख़रीदी के पहले दिन से बारदाना संकट, उपार्जन केंद्रों में मारामारी और अव्यवस्था का आलम किसानों की परेशानी बढ़ाने वाला रहा और जब भाजपा ने धान ख़रीदी व किसानों की परेशानी को लेकर आवाज़ उठाई तो कांग्रेस और प्रदेश सरकार ओछी सियासत पर उतर आईं। श्री जायसवाल ने कहा कि शराब की दलाली के लिए कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन की गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाने वाली प्रदेश सरकार कोरोना की आड़ लेकर पिछले वर्ष समय पर कस्टम मिलिंग नहीं कराने और लाखों मीटरिक टन धान सड़ाकर राष्ट्रीय सम्पदा की क्षति की अपनी आपराधिक लापरवाही पर पर्दा डालकर इसकी ज़वाबदेही से बचने में क़ामयाब नहीं होगी।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि अन्नदाताओं के परिश्रम का अपमान कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब एफसीआई में ज़्यादा चावल जमा करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश को ग़ुमराह करने करने की नई भूमिका तैयार कर रहे हैं। तीन-तीन बार मोहलत लेकर भी प्रदेश सरकार पिछले वर्ष के अपने हिस्से का लाखों मीटरिक टन चावल एफसीआई में जमा नहीं करा सकी और अब केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ फिर बेसुरा प्रलाप कर रही है। प्रदेश सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की बुरी लत की शिकार होती जा रही है। मुख्यमंत्री बघेल को बार-बार चिठ्ठी लिखने के बजाय केंद्र सरकार से समय रहते चर्चा करके नीतिगत मुद्दों पर संशोधन या प्रदेश के लिए राहत की गुंजाइशें तलाश करना था। लेकिन तयशुदा मापदंडों पर काम नहीं करके सियासी नौटंकियाँ ही करना ही भूपेश-सरकार की फ़ितरत हो गई है।
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