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भूमि खरीदी-बिक्री के मामले में गिरफ्तार अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा भेजे गए जेल… ट्रांसफर के बाद रिलविंग वाले दिन निपटा दिए थे 33 प्रकरण, संजीव झा की जांच के बाद एस प्रकाश ने 22 प्रकरणों पर लगाई थी रोक…

भूमि खरीदी-बिक्री के मामले में गिरफ्तार अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा भेजे गए जेल…

ट्रांसफर के बाद रिलविंग वाले दिन निपटा दिए थे 33 प्रकरण, संजीव झा की जांच के बाद एस प्रकाश ने 22 प्रकरणों पर लगाई थी रोक…

कमलेश शर्मा-द डॉन न्यूज़

बैकुंठपुर/ जिला मुख्यालय बैकुंठपुर स्थित रामपुर में भूमि खरीदी बिक्री के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने जिले के तत्कालीन अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश किये जाने के बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। बैकुंठपुर में पदस्थ रहते हुए अपर कलेक्टर ने जमीन संबंधी 33 प्रकरण एक दिन में ही निपटा दिए थे। शिकायत व जांच के बाद 22 प्रकरण पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी थी। गिरफ्तारी के इस मामले में जिला मुख्यालय में भूमि खरीदी बिक्री के प्रकरण में मां वैष्णव एसोसिएट्स को लाभ पहुंचाने का आरोप है। पुलिस ने सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा को अम्बिकापुर से गिरफ्तार कर बैकुंठपुर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

गिरफ्तारी का मामला 2014 का बताया जा रहा है, जिसमें आदिवासी महिला की जमीन को गैर आदिवासी व्यक्ति को बेचने का कार्य किया गया था। उन्हें गिरफ्तार करने सिटी कोतवाली बैकुण्ठपुर की पुलिस टीम अम्बिकापुर गई हुई थी। इस दौरान उप पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र पटेल मौके पर मौजूद रहे। यह कार्रवाई कोरिया पुलिस कप्तान चंद्रमोहन सिंह के निर्देश पर की गई है। अपर कलेक्टर के तत्कालीन रीडर को पूर्व में ही निलंबित किया जा चुका है। माना जा रहा है कि इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

विदित जो कि तत्कालीन अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा ने अपने कोरबा तबादले के बाद रिलीव होने वाले दिन 28 अगस्त 2014 को एक दिन में ही 33 प्रकरण निपटा दिए थे। ये सभी मामले जमीन खरीदी-बिक्री से संबंधित थे। जिसमें बिल्डर्स व जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों को लाभ पहुंचाने के उक्त कार्य किया गया था। शिकायत के बाद तत्कालीन कलेक्टर एस प्रकाश ने अपर कलेक्टर द्वारा एक दिन में 33 प्रकरणों के निराकरण की शिकायत पर जांच के आदेश दिए थे। कलेक्टर ने प्रकरणों की जांच के लिए तत्कालीन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजीव झा को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। जांच अधिकारी ने मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी। इसमें 21 प्रकरणों को संदेह के दायरे में रखा गया था। जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर एस प्रकाश ने तात्कालीन अपर कलेक्टर के भूमि विक्रय, अनुमति से संबंधित प्रकरणों पर रोक लगाने के निर्देश दिये थे।


उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने कोरबा तबादले के बाद अपर कलेक्टर लकड़ा को 28 अगस्त 2014 को भारमुक्त कर दिया था। लेकिन अपर कलेक्टर लकड़ा ने बिल्डर्स व जमीन खरीदी-बिक्री करने वालों को लाभ पहुंचाने रिलीव के दिन जमीन के 33 प्रकरणों पर फैसला सुनाया था। जमीन विवाद के प्रकरणों में 10 मामले 26 अगस्त को दर्ज किए गए थे और 28 अगस्त 2014 को फैसला कर दिया गया था। जिनमें ना तो पटवारी व तहसीलदार का प्रतिवेदन था और ना ही नियमानुसार इश्तहार का प्रकाशन किया गया था। अपर कलेक्टर लकड़ा वर्ष 2012 से 28 अगस्त 2014 तक कोरिया में पदस्थ थे।

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