कोरियाहमर जिला

समाजसेवी संस्था समाजसेवा के लिए होती है राजनीति के लिए नही:-संजय अग्रवाल… नागरिक एकता मंच के गठन व उद्देश्य पर उन्होंने लगाया सवालिया निशान…

समाजसेवी संस्था समाजसेवा के लिए होती है राजनीति के लिए नही:-संजय अग्रवाल

नागरिक एकता मंच के गठन व उद्देश्य पर उन्होंने लगाया सवालिया निशान…

कमलेश शर्मा-बैकुंठपुर

किसी भी सामाजिक संस्था का उद्देश्य सामाजिक उत्थान व समाजसेवा के लिए होता है, किन्तु संस्था अपने उद्देश्य से भटक कर व्यक्ति विरोध व राजनीति पर उतर आए तो उस संस्था के गठन पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाता है। ये कहना है समाजसेवी व भाजपा नेता संजय अग्रवाल का।

उन्होंने समाजसेवी संस्था “नागरिक एकता मंच” के कार्यों व संस्था पर सवालिया निशान लगाते हुये कहा कि जब समाज के उत्थान के लिए, सामाजिक कार्यों के लिए, समाजसेवा के लिए किसी सामाजिक या समाजसेवी संस्था का गठन होता है, तो अत्यंत हर्ष होता है। और यह हर्ष उस समय दुगना हो जाता है,जब ऐसी सामाजिक समाजसेवी संस्थाएं जिन के संस्थापक और सदस्य परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधारा को त्याग कर एक बेहतर समाज के गठन के लिए एक साथ आगे आते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हमारे बैकुंठपुर में सामाजिक संस्था “नागरिक एकता मंच” के संदर्भ में लिया जा सकता है। जिसके संस्थापक और संस्था से जुड़े हुए सदस्य परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधारा को मानने वाले लोग हैं। परंतु खुशी इस बात की है की सामाजिक उत्थान के लिए यह सभी एक मंच के नीचे हैं। “नागरिक एकता मंच” के गठन का उद्देश्य, कार्यप्रणाली के बारे में मैं ज्यादा कुछ तो नहीं जानता। परंतु विगत दिवस एम एल ए नगर में हुए घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में जब संस्था के संस्थापक सदस्यों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ सवाल, कुछ जवाब, कुछ स्पष्टीकरण दिए गए हैं, उसी संदर्भ में मेरा भी चंद सवाल संस्था के समक्ष है। संजय अग्रवाल ने पूछा कि संस्था का गठन सामाजिक उत्थान के लिए हुआ है,या व्यक्ति विशेष के विरोध के लिए?? संगठन सामाजिक उत्थान के लिए है, तो संस्था द्वारा कितने और कौन-कौन से सामाजिक कार्य आयोजित प्रायोजित किए गए??? यदि संस्था का गठन बैकुंठपुर नगर पालिका क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए है, तो भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए कितने ऐसे कृत्य किए गए जो भ्रष्टाचार विरोधी हैं??? संस्था के संस्थापक सदस्य और अध्यक्ष जो कि नगर पालिका क्षेत्र में पार्षद भी हैं, उनके ही कार्यकाल में आम आदमी को नगरपालिका में किसी भी कार्य के लिए रिश्वत देने की आवश्यकता क्यों पड़ती है??? यदि एमएलए नगर में निर्माणाधीन भवन अवैध था, अनुज्ञा विहीन था, तो नगरपालिका क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे भवन हैं जो अवैध हैं और अनुज्ञाविहीन हैं, उनके लिए संस्था कब आंदोलन करेगी??? क्या नागरिक एकता मंच नगर पालिका क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार,स्वास्थ्य सुविधाओं की जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था, बिजली, पानी, सड़क, शासकीय कार्यालयों की अफसरशाही, आम जनता की सुविधाओं के लिए भी आंदोलन करेगी क्या??? या सिर्फ़ स्वार्थसिद्धि के लिए राजनीतिक करेगी?? क्या संस्था का उद्देश्य किसी व्यक्ति के राजनीतिक पार्टी की सदस्यता का प्रमाण पत्र का जांच करना यह गया है??? नागरिक एकता मंच के संस्थापक सदस्य एवं अध्यक्ष द्वारा मुझसे बात की गई ऑडियो रिकॉर्डिंग सर्व सुलभ उपलब्ध है। जिसमें उनकी स्वयं की विशेषता परिलक्षित होती है। और जिनके द्वारा अपनी ही पार्टी के मुखिया के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग बार-बार किया गया हो, क्या ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गये कृत्य (आंदोलन) से सामाजिक उत्थान की उम्मीद की जा सकती है??? अंत में संजय अग्रवाल ने कहा कि सवाल बहुतेरे हैं। आरोप और आक्षेप लगाना आसान है। यदि बात न्याय कि की जाए तो तराजू के पलड़ों के मानक समान होनें चाहिए। इसमें सामाजिक न्याय नहीं राजनीतिक द्वेष पूर्णतः परिलक्षित है।

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