18 गौठानों से जुड़ी 21 समूहों की महिलाएं वर्मी खाद से आर्थिक स्वालंबन की राह पर…
210 क्विंटल वर्मी खाद बेचकर पौने दो लाख रूपए कमा चुकी गौठानों के समूह की महिलांए…
कमलेश शर्मा-कोरिया
सुराजी ग्राम योजना के तहत कोरिया जिले में नरवा गरूवा, घुरूवा और बारी सभी के उन्नयन की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं। कोरिया जिले के कलेक्टर श्री एस एन राठौर की पहल पर जिले के सभी गौठानों में वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम तेजी से प्रारंभ हो चुका है। वहीं प्रथम चरण के कुल 21 गौठानों में स्व सहायता समूहों के माध्यम से जुड़ी महिलांए बीते दो माह में 30 टन से ज्यादा वर्मी कपोस्ट खाद बनाकर अलग-अलग संस्थाओं को लगभग 210 क्विंटल वर्मी खाद बेचकर पौने दो लाख रूपए से ज्यादा का आर्थिक लाभ प्राप्त कर चुकी हैं। महिलाओं के इन समूहों के पास अभी 9 टन जैविक खाद का स्टाक भी उपलब्ध है।
विदित हो कि जिले में प्रथम चरण में 45 गौठान बनाए गए हैं जिनमें से 21 गोठानों में जुड़े हुए स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने गोबर से वर्मी खाद बनाने का कार्य पहले ही प्रांरभ कर दिया था जिससे अब उन्हे आर्थिक लाभ मिलने लगा है। इससे गांव में अन्य समूह भी प्रेरित होकर वर्मी कंपोस्ट बनाने का कार्य करना प्रारंभ कर रहे हैं। कलेक्टर श्री एस एन राठौर के निर्देशन में गोठान और उससे जुड़े ग्रामों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए गौठान में चारागाह, बाड़ी विकास के लिए हल्दी और सुगंधित फसलों की खेती के साथ घुरूवा के अंतर्गत जैविक खाद के निर्माण पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
जिले के चार विकासखण्ड के 21 गोठानों में स्व सहायता समूह द्वारा महात्मा गांधी नरेगा के तहत बने वर्मीं टेंक और वर्मी बेड के माध्यम से गोबर से जैविक खाद बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत सोरगा में रहने वाली श्रीमती सुशीला जो कि मां कुदरगढ़ी महिला समूह की अध्यक्ष हैं वह बतलाती है कि हमने दो माह में 46 क्विंटल वर्मी खाद तैयार कर 26 क्विंटल खाद वन विभाग को बेच दी है। इससे हमारे समूह को 22 हजार रूपए का लाभ हुआ है। इसी तरह नरकेली में गोठान से जुड़ी आरती समूह की अध्यक्ष पूनम ने बताया कि अब तक उनके साथियों ने 15 क्विंटल वर्मी खाद बेचकर 12 हजार से ज्यादा का लाभ लिया है। जय माँ संतोषी महिला समूह रोझी की रवीता ने बताया कि उनके समूह ने साढ़े सात क्विंटल, घुटरा के एक समूह ने 11 क्विंटल और वैष्णव महिला समूह ने एक क्विंटल वर्मी बनाकर विक्रय किया है। मनेन्द्रगढ़ के ही ग्राम मोरगा स्थित गौठान से जुड़ी संतोषी महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना ने 12 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट से 8 हजार 500 रूपए कमाए हैं। शिव महिला स्व सहायता समूह मोरगा की अध्यक्ष श्रीमती ममता ने बताया कि उनके समूह ने तीन क्विंटल खाद तैयार कर बेची है। वहीं लोहारी के नवापारा स्थित गौठान से जुडे़ समूह की अध्यक्ष श्रीमती सुशीला के नेतृत्व में महिलाओं ने 8500 रूपए खाद बेचकर कमाए हैं।
सोनहत जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत पोड़ी की महिलाओं ने गोठान से जुड़कर वर्मी खाद बनाने का तरीका सीखा और अब वह निरंतर वर्मी खाद बनाने में लगी हुई हैं। वहां के समूह की अध्यक्ष श्रीमती ममता बाई ने बताया कि अब तक उनके गौठान से 10 क्विंटल वर्मी खाद बेचा जा चुका है। इससे समूह को 8हजार 500 रूपए मिल चुके हैं। साथ ही और वर्मी खाद बनाने का काम चल रहा है। घुघरा की दुर्गा समूह की अध्यक्ष ने बताया कि उनके गौठान में अब तक उनके साथियों ने 56 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट गोबर से तैयार कर लिया है साथ ही उसमे से 50 क्विटल वर्मी कंपोस्ट वन विभाग सहित अन्य एजेंसियों को बेचने से उनके समूह को 42 हजार 250 रूपए का लाभ मिल चुका है। गोधन न्याय योजना के तहत अब जिले मे वर्मी कंपोस्ट बनाने का कार्य और तेज हो सके इसके लिए सभी 145 गौठानों में इसके चरण बद्ध प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। जिला पंचायत सीईओ तूलिका प्रजापति ने बताया कि कलेक्टर कोरिया श्री राठौर के निर्देशानुसार गांव के क्लस्टर बनाकर 22 से 25 महिलाओं के समूह में एक सप्ताह तक विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए। गौठानों में आयोजित इन शिविरों में विषय विशेषज्ञों के द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं को गोबर को 20 से 25 दिन तक खुला रखने से लेकर उसे टेंक में डालने फिर पानी डालने वर्मी डालने से लेकर खाद सूखने पर छानकर निकालने तक की पूरी प्रक्रिया विस्तार से प्रशिक्षण देकर बताई गई। प्रशिक्षण का आयोजन उन्हीे गौठानों में किया गया जहां समूह की महिलाओं के द्वारा वर्मी खाद तैयार की जा रही है। इससे एक प्रभावी असर उन पर होगा। जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि सुराजी ग्राम योजना के तहत विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें शामिल सभी विभागों द्वारा महिलाओं के स्व सहायता समूहों के साथ मिलकर समेकित प्रयास किया जा रहा है। इससे आजीविका मिशन और महात्मा गांधी नरेगा के तहत हुए संयुक्त कार्यों के अंतर्गत अच्छे परिणाम आने लगे हैं। कोरिया जिले में गोधन न्याय योजना से जुड़ने के बाद सभी ग्राम पंचायतों में अब गोबर खरीद की प्रक्रिया प्रांरभ हो गई है। इससे आने वाले समय में वर्मी कंपोस्ट निर्माण कार्य को और भी तेजी मिलेगी। विदित हो कि अब तक इन समूहों के द्वारा कुल एक लाख 79 हजार रूपए का लाभ अर्जित कर लिया गया है। साथ ही लगभग 9 टन वर्मी खाद इनके पास स्टाक के रूप में सुरक्षित है। आने वाले समय में गोधन न्याय योजना के तहत बनने वाली सभी वर्मी खाद सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों और अन्य एजेंसियों को उपलब्ध कराई जाएगी।
Kamlesh Sharma is a well-known Journalist, Editor @http://thedonnews.com/ Cont.No.- 8871123800, Email – Ks68709@gmail.com