कोरियाहमर जिला

नगरपालिका से अलग हुए ग्राम पंचायतों का हाल बेहाल-संजय अग्रवाल.. कोड नहीं आने से मनरेगा सहित अनेक कार्य ठप्प, विकास कार्य रुके…

नगरपालिका से अलग हुए ग्राम पंचायतों का हाल बेहाल-संजय अग्रवाल..

कोड नहीं आने से मनरेगा सहित अनेक कार्य ठप्प, विकास कार्य रुके…

कमलेश शर्मा-बैकुंठपुर

भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने कहा है कि कोरिया जिले में बैकुंठपुर और शिवपुर चरचा नगरपालिका से अलग हुए ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप्प हो गए हैं। दरअसल बैकुंठपुर नगरपालिका से जाम पारा, केनापारा, रामपुर, तलवापारा, सागरपुर सहित कई ग्राम पंचायत व शिवपुर-चरचा से सरडी, आमगांव कई ग्राम पंचायतों को अलग हो कर दिया गया लेकिन अभी तक इन्हें विकास की मुख्यधारा से नहीं जोड़ा जा सका है। आपको बता दें कि लगभग साथ में होने जा रहा है इन ग्राम पंचायतों में चुनाव होने के बाद से इनके कोड का आबंटन शासन स्तर से नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से इन ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में 14 में और 15 में वित्त का पैसा नहीं आ पाया है। जिसकी वजह से मनरेगा, सड़क, नाली, मुरमीकरण, तालाब गहरीकरण जैसे अनेक विकास कार्य प्रभावित हो चुके हैं। शुरू में तो 2 माह तक कई ग्राम पंचायतों का बैंक खाता भी नहीं खुल पाया था जिसके बाद भाजपा नेता संजय अग्रवाल की पहल पर और जनपद अध्यक्ष सौभाग्वती सिंह के संज्ञान में लेने के बाद 3 ग्राम पंचायतों का खाता बैंकों में खोला गया। भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने आगे बताया कि लॉक डाउन की वजह से इन ग्राम पंचायतों के कई मजदूर महीनों घर में बैठे रहे यदि मनरेगा का काम चलता तो उन्हें रोजगार भी मिल जाता। लेकिन शासन की लापरवाही से इन ग्राम पंचायतों के निवासी ना घर के रह गए हैं ना घाट के। भाजपा नेता ने इस संबंध में जनपद पंचायत और जिला पंचायत के सीईओ की और कई बार ध्यान आकृष्ट भी कराया है। बावजूद इसके अभी तक इस संबंध में कोई भी गंभीर पहल नहीं की गई है।
यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में यह पहला ऐसा प्रकरण है जिसमें नगरपालिका से ग्राम पंचायतों को अलग किया गया है अन्यथा अमूमन ग्राम पंचायतों को ही नगर पंचायत या नगरपालिका में जोड़कर उसका विस्तार किया जाता रहा है।

इस संबंध में जनपद पंचायत के सीईओ सीएस शर्मा ने बताया कि जिला पंचायत स्तर से इस संबंध में राज्य शासन से कई बार पत्रव्यवहार किया गया है लेकिन अभी तक ग्राम पंचायतों का कोड नहीं आया है। 14 वे और 15 वें वित्त का पैसा यदि खाते में आ भी जाता है तो बिना कोड आए उसे खर्च नहीं किया जा सकता।

जाम पारा ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती रेखा अमित चिकन्जूरी ने कहा कि शासन की लापरवाही से जाम पारा में पूरी तरह विकास कार्य रुका हुआ है ऐसा लगता है कि यह क्षेत्र भाजपा का वोट बैंक होने की वजह से यहां के ग्राम पंचायत वालों को परेशान करने के उद्देश्य से कोड जारी नहीं किया जा रहा है।

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